रवीन्द्र के चित्रों की सांकेतिकता प्रशंसनीय व अनूठी है|
-आचार्य राममूर्ति त्रिपाठी, उज्जैन
समीक्षक
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रवीन्द्र की इन रेखाओं में इस युग का यथार्थ अपनी संपूर्ण चेतना के साथ विद्यमान है | गजब का संतुलन और अन्तः संगीत वाह !
-कैलाश मंण्डलेकर
व्यंगकार
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गुलमोहर का फूल
बहुत सुन्दर
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