शुक्रवार, 27 नवंबर 2009

पहाड़

जीवन में सब कुछ पा लेना
संभव नहीं है
हम जानते है
सब कुछ खो जाना भी संभव नहीं /
फिर भी कुछ पा लेने की चाह में
सब कुछ खो देते हैं /
पूरा जीवन ही
पा लेने की चाह में ,
बिखर जाता है /
छोटी-छोटी पहाड़ियों ,टेकरियों की तरह
दूर-दूर तक ,
जो चाह कर भी
सब एक पहाड़ नहीं बन सकतीं /
पहाड़
जो आकाश समेट कर
ढेर सारी खुशियाँ ;सौगातें
बिखेर देता है धरती पर /
.................
हम पहाड़ नहीं हो सकते ?

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